महाविकास अघाडी . . - .. भाजपा पर पडा . .

महाराष्ट्र में भाजपा को घेरने के लिए शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने अब बनाया ये नया प्लान 



मुंबई,७ फरवरी। महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन से बनी महाविकास अघाड़ी सरकार भाजपा को पटखनी देने की तैयारियों में जुट चुकी हैं। एक तरफ जहां केन्द्र में बैठी मोदी सरकार द्वारा राम मंदिर ट्रस्ट बनाए जाने पर शिवसेना प्रमुख, सीएम उद्धव ठाकरे तारीफ करते नहीं थक रहे वहीं दूसरी ओर शिवसेना सरकार में सहयोगी पार्टियों के साथ मिलकर भाजपा को महाराष्ट्र से उखाड़ फेंकने में जुट चुकी हैं। बता दें पिछले दिनों महाराष्ट्र सरकार के सौ दिन पूरे होने पर सीएम उद्वव ठाकरे के शिवसेना के मुख पत्र में दिए साक्षात्कार के बाद, राजनीति के पंडित जहां दोबारा शिवसेना का भाजपा के साथ जाने की अटकलें लगाने लगे थे लेकिन इसी बीच तीनों पार्टियों ने बड़ी घोषणा कर सारी अटकलों की हवा निकाल दी है। भाजपा को सरकार से बाहर रखने के लिए बना शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी का महाविकास अघाड़ी भविष्य के सभी चुनाव मिलकर लड़ने का ऐलान कर दिया है। गौरतलब हैं कि महाराष्ट्र में कुछ ही दिनों में नवी मुंबई के महानगरपालिका के चुनाव होने वाले हैं। नवी मुंबई महानगरपालिका के चुनाव अप्रैल में आयोजित होगे। सबसे पहले ये तीनों पार्टियां नवी मुबंई महानगरपालिका से भाजपा का पत्ता साफ करने के लिए चुनाव लड़ेगी। पिछले दिनों तीनों पार्टियों की हुई एक संयुक्त बैठक के दौरान तीनों पार्टियों के एक साथ चुनाव लड़ने की घोषणा की। भाजपा का वर्षों पुराना साथ छोड़कर शिवसेना जिस तरह महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाया है उसी तरह महाराष्ट्र राज्य में होने वाले सभी चुनाव तीनों पार्टियों ने चुनाव साथ लड़ने का मन बनाकर भाजपा से आर-पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रही है। एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना का गठबंधन मुंबई नगरपालिका चुनाव में भाजपा के खिलाफ एक साथ उतरेगा। नवी मुंबई महानगरापलिका के चुनाव में बीजेपी को बाहर करने के उद्देश्य से तीनो पार्टियों ने यह बड़ा ऐलान माना जा रहा हैमहत्वपूर्ण बात ये है कि नवी मुंबई महानगरापलिका पर इस समय भाजपा का कब्ज़ा है। इसमें कुल १११ सीटें हैं। इससे पहले वर्ष २०१५ में हुए चुनाव इस महानगरपालिका पर एनसीपी का कब्जा था। एनसीपी ने अकेले ५४ सीटें जीती थीं वहीं शिव सेना को १६ और कांग्रेस को १३ सीटों और भाजपा को महज २ सीटों पर विजय मिली थी। लेकिन पिछले साल एनसीपी को उस समय तगड़ा झटका लगा था जब महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव २०१९ से पहले एनसीपी के दिग्गज नेता गणेश नाईक ने एनसीपी को बॉय-बॉय बोलकर भाजपा में शामिल हो गए थे। उनके साथ एनसीपी के ५२ पार्षद भी भाजपा का हाथ थाम लिया था। जिस कारण २ सीटों वाली भाजपा ने सत्ता पर कब्जा जमा लिया और चुनाव में सबसे अधिक सीटें हासिल करने वाली शरद पवार साल की पार्टी एनसीपी महज दो सीटों पर सिमट कर रह गयी। महाराष्ट्र सरकार बनाने के लिए तीनों ही पार्टियों ने चुनाव के बाद में गठबंधन किया, लेकिन अब चुनाव पूर्व गठबंधन किए जाएंगे। हाल ही में नवी मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान इस बात का ऐलान किया गया। तीनों पार्टियों के लिए अब सबसे पहली चुनौती नवी मुंबई महानगरापलिका का चुनाव जीतना है। जिस महानगरपालिका की १११ सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। अब महाविकास अघाड़ी में शामिल तीनो पार्टियों शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने भविष्य के बड़े चुनाव मिलकर लड़ने का ऐलान करके बीजेपी के लिए रास्ते बंद कर दिए हैं। यदि महाराष्ट्र में इन तीनों पार्टियों की तिकड़ी कामयाब रही तो बीजेपी को अकेले ही महाराष्ट्र की राजनीति से जूझना पड़ेगा। बता दें इस बड़े ऐलान के बाद सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि सीटों का बंटवारा तीनों पार्टियों में किस तरह से होता है। हालांकि अभी चुनाव में लगभग डेढ़ माह से अधिक का समय है लेकिन अभी से आशंका जताई जा रही है कि कई नेता टिकट ना मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं या फिर विरोधी खेमें में जा सकते हैं। खैर ये तो आने वाला समय आएगा कि भाजपा के खिलाफ इन तीनों पार्टियों की ये रणनीति कामयाब होगी या नहीं लेकिन ये तो तय है कि नवी मुंबई की महानगरपालिका में निर्दलीय उम्मीदवार अगर बाजी मार लेते हैं तो भाजपा का लाभ भी हो सकता है