ऐसी ९ महीने में तीसरी हार

भाजपा विरोधी दलों की दिल्ली समेत १२ राज्यों में सरकारें २ साल में एनडीए ने ७ राज्यों में सत्ता गंवाई



नई दिल्ली, ११ फरवरी। भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए पिछले दो साल में सात राज्यों में सत्ता गंवा चुका है। दूसरी बार मोदी सरकार बनने बाद ४ राज्यों में चुनाव हुए, जिसमें से तीन चुनाव भाजपा हार गई। पिछली बार दिल्ली में महज ३ सीटें जीतने वाली भाजपा को इस बार बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी। दिल्ली के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने ४८ सीटों पर जीत के अनुमान के साथ सत्ता में आने की उम्मीद जताई थी। हालांकि, ये अनुमान गलत साबित हए। इसी के साथ भाजपा के लिए देश का सियासी नक्शा भी नहीं बदला। दिल्ली समेत १२ राज्यों में अभी भी भाजपा विरोधी दलों की सरकारें हैं। एनडीए के पास १६ राज्यों में ही सरकार है। इन राज्यों में ४२ फीसदी आबादी रहती है। कांग्रेस खुद के बूते या गठबंधन के जरिए महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, पुडुचेरी में सत्ता में है। दिसंबर में हुए चुनाव में झारखंड में सरकार बनने के बाद कांग्रेस की ७ राज्यों में सरकार है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी लगातार तीसरी बार जीती है। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, केरल में माकपा के नेतृत्व वाला गठबंधन, आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस, ओडिशा में बीजद और तेलंगाना में टीआरएस सत्ता में है। एक और राज्य तमिलनाडु है, जहां भाजपा ने अन्नद्रमुक के साथ लोकसभा चुनाव तो लड़ा था, लेकिन राज्य में उसका एक भी विधायक नहीं है। इसलिए वह सत्ता में भागीदार नहीं है। दिसंबर २०१७ में एनडीए बेहतर स्थिति में । भाजपा और उसके सहयोगी दलों के पास १९ राज्य थे। एक साल बाद भाजपा ने तीन राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में सत्ता गंवा दी